अर्धांगिनी किसे कहते हैं

अर्धांगिनी किसे कहते हैं ?

        जब मैं सिर्फ 12 साल  का था तो दूरदर्शन पे एक टीवी सीरियल में देखा कि जब श्री राम से उनके विवाह के पूर्व पूछा गया कि उनके जीवन में स्त्री का क्या स्थान है ? उन्होंने बड़े ही प्रेम और सम्मान के साथ कहा," स्त्री वो है जिनके बगैर पुरुष अधूरा है, स्त्री और  पुरुष के मिलन से ही पुरुष सम्पूर्ण होता है इसलिए स्त्री को अर्धांगिनी (अर्ध + अंगिनी = आधे अंग) भी कहा जाता है।  

फिर माता सीता से पूछा गया उनके विचार से पती का क्या स्थान है जीवन में ? तो उन्होंने कहा, स्त्री एक बेल और पुरुष एक वृक्ष की भाँति है। जैसे बेल वृक्ष के बगैर ऊपर नहीं उठ सकता वैसे ही स्त्री -पुरुष के बगैर जीवन संपूर्ण नहीं कर सकता।

एक और कहानी में एक बार एक ऋषि माता से एक शिष्या ने पूछा कि पति और पिता में क्या अंतर है ? तो उन्होंने कहा पिता स्त्री का जीवनदाता है पर पति उन्हें पूरा करता है, उन्हें परम सुख (सम्भोग का परम-सुख ) भी पति ही दे सकता है।

जैसे – जैसे मैं बड़ा हुआ मैंने समाज में विवाह , स्त्री , सम्भोग की अनेको कहानिया सुना और देखा पर कोई उस प्राचीनतम सीता – राम जैसी पवित्र हो ही नहीं पाया।

मैंने विज्ञानं (science ) की पढ़ाई पूरी की , नौकरी की , शादी भी किये , संतान भी है। कहने का तात्पर्य है कि जीवन को एक – एक पड़ावों में पूर्ण करता गया। अब एक गुरुकुल भी हैं जहाँ छात्रों को शिक्षा प्रदान करता हूं। जहाँ छात्रों को जीव-विज्ञानं (biology) पढ़ाते समय कुछ और सच्चाईओ से रुबरू हुआ।

जो बाते मैं विद्यार्थी जीवन में सीख नहीं पाया क्यूंकि तब पड़े सिर्फ अंक पाने के लिए, उत्तीर्ण होने के लिए , नौकरी पाने के लिए। चूँकि जीवन का धेय सिर्फ अंक और नौकरी पाना था तो कभी विषयो के अर्थ तक पहुंच ही नहीं पाया और यह 21वी सदी की बहुत बड़ी चूक है कि यहाँ सबकुछ व्यापार बन चूका है , शिक्षा भी , शिक्षक भी , प्रेम भी , विवाह भी, सम्भोग भी; सबकुछ ; सबकुछ बेच चूका है इंसान , बाज़ार लगता है यहाँ जिस्मो की और न जाने कितनी-सैकड़ो लड़किया यहाँ गंगा से गंगू बनी।

अर्धांगिनी किसे कहते हैं

यह कैसी विडम्बना है जिस नारी के बगैर नर अधूरा है , उसे कैसे वह अलग करके बाज़ार में बिठा सकता है, जहाँ कोई भी सिर्फ उसके शरीर को ही नहीं छूता बल्कि उसकी रूह तक को रुला जाता। यह आज से नहीं हो रहा बल्कि सदियों से हो रहा है पर हमें इनके साथ जीने की आदत पड़ गयी है, हमने समाज की कुरितोयो को अपना लिया है, कोई विरोध नहीं करता। वस्तुतः गर विरोध की गयी तो पुलिस प्रशाशन ही आपको शायद रोक दे क्यूंकि आज का युग वैश्य का युग है। गौर फरमाइए मैंने “वैश्य कहा वैश्या नहीं कहा”। इस युग में हर इंसान चाहे वह किसी भी जात (ब्राह्मण , छत्रिय, वैश्य या सूद्र ) का हो, किसी भी धर्म का हो , किसी भी देश का हो , कुछ न कुछ व्यापार करना चाहता।

व्यापार करे कोई गलती नहीं , पर जब इंसान अपनी जमीर बेच दे उसको अपनाना नहीं चाहिए। कैसे कोई पुरुष किसी स्त्री के शरीर मात्र को ही छूकर संतुस्ट हो जाता है जबकि शरीर तो जरिया है रूह तक पहुंचने की। सम्भोग करे आप , सम्भोग तो जीव जगत के लिए प्रकृति का अटल नियम है, हमारे देवता भी तो किये। उन्होंने क्या किया जो आप नहीं कर पाये ? वस्तुतः उन्होंने शरीर के जरिये रूह को छुआ है , प्रेम और समर्पण की भावना से सम्भोग की अनंत सुख की मधुरता को प्राप्त किये और आप इंसान बस शरीर तक ही सीमित रह गए। बाजार, खरीद – फरोक में ही व्यस्त रहे और कभी रूहानियत की गहरीयो तक पहुंच ही न पाये।

जिस दिन आपको अहसास हो जायेगा की कौन सी चीज़ का मोल भाव करना चाहिए और कौन सी चीज़ अनमोल है उस दिन आप बाजार से अलग हो जाओगे। और यह तभी संभव हो सकता है जब मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान का संचार हो, जैसे हमारे पूर्व पुरुष श्री राम चंद्र जी के जीवन आदर्शो का संचालन हो। जो पुरुष अपनी पत्नी को अपनी अर्धांगिनी समझे वह किसी और को छू ही नहीं पायेगा और जितना ज्यादा पुरुष जात इस बात को समझेगा उतना ही जिस्म का व्यापर कम होगा। औरत की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करने से ज्यादा जरुरी है, नारी की वास्तविकता में पूजा हो,उसे सम्मान मिले,उसके रूह को छूकर उसमें समां जाये या उसे अपने में समां ले।

नर और नारी अलग-अलग नहीं है। सभी सनातन धर्म वाले शिवलिंग की पूजा करते है पर बहुत कम लोग जानते है, शिव-लिंग (शिव के लिंग और पार्वती की योनि) नर और नारी के लिंग और योनि के जरिये, मिलन का प्रतिक है। शिवलिंग प्रतिक है नर और नारी एक है, अलग अलग शरीर में होने के बावजूद।

इसे हम आधुनिक युग की विज्ञानं की पाठ्यपुस्तकों से भी समझ सकते है। विज्ञानं कहता है कि फूलो में तीन तरह के फूल पाए जाते है एक है जिसमें नर और मादा अंग दोनों एक ही फूल में होते है, ऐसे फूलो में self-pollination होता है। दूसरे प्रकार में एक ही वृक्ष में एक फूल नर है तो दूसरा फूल मादा है, ऐसे वृक्षों में फूलो के बीच cross-pollination होता है, पर दोनों फूलो का parent plant एक ही है। और तीसती तरह की pollination (reproduction in animals) में एक पेड़ में सिर्फ एक ही प्रकार के फूल होंगे ,उदाहरणतः मादा फूल और किसी दूसरे पेड़ पे उसका नर फूल होगा। नर फूल के परागकण (pollen grains) मादा फूल तक हवा पानी या कीड़े-मकोड़े या पक्षिओ के जरिये पहुँचती है तभी उनका cross-pollination होता है और फूल से फल बनता है।

जैसे हमने देखा आरम्भ में नर और मादा दोनों एक ही फूल (जिस्म/शरीर) में थें,वक़्त के साथ – साथ evolution हुए,नर और मादा फूल अलग-अलग पेड़ो में पैदा हुए पर उनके मिलन से ही फूल से फल बना। वक़्त के साथ evolution होता गया और पौधों से जानवरो तक पंहुचा। जब नर और मादा अलग अलग शरीर में पैदा हुई पर उनके संतान के जन्म के लिए उनको मिलन (सम्भोग ) करना पड़ा। मतलब दोनों का अपना अलग अस्तित्व होते हुए भी दोनों एक दूजे के बगैर अधूरे है, मतलब इक दूजे के अर्धांगिनी हैं और उनको एक होकर ही उनकी ज़िन्दगी संपूर्ण करनी है। यह बात श्री राम और सीता माता की सदियों पहले बताये ज्ञान की भी पुस्टि करता है और शिवलिंग के प्रतिक को भी, क्यूंकि नर और मादा अपने लिंग और योनि के जरिये ही एक हो पाते है। यह article मेरे Sanatan Dharm, The Early Science article की भी पुस्टि करता है कि कितने advance थें हमारे पूर्वज।

पुस्तके वही है पर जो बाते मैं विद्यार्थी जीवन में सीख नहीं पाया अब एक गुरु बनकर सीख रहा हू। विज्ञानं में यह स्पस्टता किया गया है की कैसे सृस्टि की संरचना हुई, कैसे सूर्य और ग्रह नक्छत्र बने और कैसे पृथ्वी में जीवन की शुरुआत हुई। कैसे जीवन समुद्र की गहरायिओं में एक-कोशिकीय जीव से बहु-कोशिकीय जीव का क्रमगत – उन्नति (evolve) हुई और कैसे sexual reproduction की शुरुआत हुई।

पर आधुनिक युग की विडम्बना यह है कि यह स्त्री का शरीर बेचते देख सकता है, हमारे ही समाज में कही बाजार लगा है पर हम देख कर भी अनदेखा कर देते है। इंटरनेट से लेके अश्लील मैगज़ीन्स तक हर जगह आपको औरत को अश्लील तरीके से दिखाया जाता है और पुरुष पागलो सा उसी में डूबा हुआ है।

सभी अश्लील चीज़े समाज में चल रहा है, पर विद्यालयों में शिक्षक सम्भोग को पड़ा ही नहीं पाते, न ही किसी को विधयालयो में सीखने के लिए पड़ना है, बल्कि सबका एक ही धेय की अंक मिले और नौकरी लग जाए। मानो जीवन इसके आगे कुछ है ही नहीं।

जब मैं विद्यार्थीओ को पढ़ाने के लिए sex बोलता हूँ तो लड़किया दूसरी लड़कीओ की तरफ देखती है, सर झुकाकर चुपके से मुस्कुराती है और लड़के दूसरे लड़को की आँखों में देख मुस्कुरा उठते है। क्यूंकि उनको sex की अश्लील side ही देखने को मिला, दूसरा side तो उसे पता ही नहीं।

कैसी विडम्बना है जिन छोटे बच्चो के हाथ में खिलौने होने चाहिए थी उनके हाथो में मोबाइल फ़ोन है जिसमें सबकुछ वो देख लेते है,औरतो की अश्लील तस्वीरों से लेकर अश्लील videos सब।

4th क्लास की बच्चे तो दूर, बच्चियों की फ़ोन में भी अश्लील videos रहती है। और जो रही कसर बच गए थे उनको भी फ़ोन दिला दिए Corona की ऑनलाइन स्टडी के नाम पे। तो सबको पहले से ही बहुत कुछ पता है जो बाजार में बिकने वाला है, सब।

पर हम भी गुरु कुछ अनोखे है, उनकी हसी बंद कराता हूँ फिर समझाता हू की मैं सिर्फ Sex नहीं सीखा रहा बल्कि इसकी evolution से लेकर धरती (जीव- जन्तु ), हवा (पक्षी) , पानी (मछली), सभी सेक्सुअल रिप्रोडक्शन से अपने संतान को जन्म देते है पर तुम सिर्फ “SEX ” ही सुने हो ? तो इससे बाहर आओं और समझो इसे।

मैं कहता हू यह कोई छिपाने की चीज़ नहीं है पर कोई parent या teacher खुलकर इस्पे बात ही नहीं कर सकता क्यूंकि “sex ” बहुत शक्तिशाली है, औरत और मर्द दोनों को पागल कर देती है, पता नहीं किसका कब पैर फिसल जाये और दो लोग कुछ कर बैठे, इसलिए लोग इस बारे में बात करने से घबराता है और दूर भागता है।

विद्यार्थी जीवन में जब उनमें hormones secrete होती है तो यह स्वाभिविक सी बात है कि लड़के को लडकी की तरफ और लड़की को लड़के की तरफ आकर्षित करता है। यह होगा और इसे कोई नहीं रोक सकता। वो नहीं तो कोई और , कोई नहीं तो कोई और , पर कोई न कोई अच्छा लगेगा ही, पर चूँकि अभी सिर्फ hormones secrete हुए है तो attraction होता है brain अभी develop नहीं हुआ है, आज कोई अच्छा लग रहा है, 2-4 महीने या साल में कोई और क्यों न अच्छा लग जाये? यह बात कोई नहीं करेगा पर हम बड़े है इसलिए तुम्हे guide करना हमारा फ़र्ज़ है।

अक्सर parents या teachers इस उम्र में बच्चो को कैद करने की कोशिस करता है। पर यह article उन तमाम parents या teachers के लिए एक सीख होगी की बच्चो को कोई न कोई पसंद जरूर आएगा, कोई नहीं रोक सकता, यह उनके जन्म से पहले ही DNA में code किया हुआ है की कितने महीने पेट में रहेगा, कब जन्म होगा, कब बात करेंगे, कब चलने लगेंगे और कब वो जवान होंगे। तो ये वो कर नहीं रहे है, बल्कि वो तो वही कर रहे है जैसी उनकी programming(DNA coding) हुई है। उनसे कहना है जो हो रहा है उसे महसूस करे, क्यूंकि अभी उनका brain develop नहीं हुआ, इसलिए हो सकता है उनको कुछ वक़्त बाद कोई और अच्छा लग जाये।

उनका brain develop होते-होते 30 -35 साल लग जायेंगे पर उतना तो कोई नहीं रुक पायेगा कम से कम कानूनन तो शादी के लिए बलिक हो जाये वरना आपको पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। फिर उनको स्त्री अर्धांगिनी होती है, उसके लिए जीवन में स्थान रखें। जो हो रहा है उसे महसूस करे, पर वक़्त जरूर ले, वक़्त आपको बता देगा कौन आपका हमसफ़र बनेगा और किसके रास्ते अलग हो जायेगा।

जब इतनी सारी बाते बताई जाती है तब बच्चो की मानसिकता बदलता है, मैंने मेरे विद्यार्थीओ की सोच में बदलाव देखा है। लड़कीओ को और bold होते देखा है, शर्माके – नज़रे झुककर नहीं, नज़रे मिलाकर बात करते है। लड़को की भी मानसिकता में फर्क देखा है। आप भी कर सकते है पर आपको खुद के sexual desires को संभालना होगा, sex की बाते करना या शिक्षा देना आसान नहीं। पर सोचो medical professionals & students कैसे बच्चो की delivery करवाते होंगे? क्यूंकि वो बस अपना कर्त्तव्य समझकर करते है और जब वह रात को अपने हमसफ़र के पास जाते तब वह सही तरीके से सम्भोग का आनंद लेते।

आपको sex को जानना है, समझना है,और फिर दुसरो को समझाना है। यह सिर्फ एक व्यक्ति के प्रयास से नहीं होगा, बल्कि generations लगेंगी इसकी practice में तभी हम जिस्म के बाजार को बंद करवा सकते है, लोगो में जागरुकता लानी होगी। तब कोई गंगा, गंगू नहीं बनेगी। औरतो का सम्मान होगा, स्त्री-पुरुष का सही मिलन होगा।

यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो कृपया योगदान देने पर विचार करें 🙂

Donate at Evolutions. in

21 thoughts on “अर्धांगिनी किसे कहते हैं”

  1. I feel this is among the most vital info for me. And i’m satisfied studying your article. However wanna statement on few basic things, The web site style is great, the articles is actually great : D. Just right job, cheers

  2. I would like to thnkx for the efforts you have put in writing this blog. I am hoping the same high-grade blog post from you in the upcoming as well. In fact your creative writing abilities has inspired me to get my own blog now. Really the blogging is spreading its wings quickly. Your write up is a good example of it.

  3. Great beat ! I wish to apprentice even as you amend your site, how can i subscribe for a weblog website? The account helped me a applicable deal. I were a little bit familiar of this your broadcast provided bright transparent idea

  4. I think the admin of this site is actually working hard for his site,
    because here every data is quality based information.

  5. Hey There. I found your blog using msn. This is a very well written article.
    I will make sure to bookmark it and return to read more of your useful information. Thanks for the
    post. I’ll certainly return.

  6. Spot on with this write-up, I seriously feel this web site needs far
    more attention. I’ll probably be returning to read more,
    thanks for the information!

  7. Wow, incredible blog layout! How long have you been blogging for?

    you make blogging look easy. The overall look of your web site is fantastic, let alone the content!

  8. It’s remarkable to pay a quick visit this web site and reading the
    views of all friends concerning this piece of writing, while I am also keen of getting familiarity.

  9. Superb post but I was wanting to know if you could write a litte
    more on this topic? I’d be very thankful if you could elaborate
    a little bit further. Cheers!

  10. Excellent post however , I was wanting to
    know if you could write a litte more on this topic? I’d be
    very thankful if you could elaborate a little bit further.
    Bless you!

  11. It’s difficult to find well-informed people in this particular subject,
    however, you seem like you know what you’re talking about!
    Thanks

  12. Every weekend i used to visit this web site, because i want enjoyment, since this this website conations genuinely nice funny
    stuff too.

  13. I believe that is one of the such a lot vital info for me.
    And i’m glad reading your article. But should commentary on some normal things, The web site
    taste is wonderful, the articles is actually excellent : D.
    Excellent task, cheers

  14. It’s the best time to make some plans for the future and it’s time to be happy.

    I have read this post and if I could I desire to suggest you few
    interesting things or advice. Maybe you could write next articles referring to
    this article. I wish to read even more things about it!

  15. whoah this weblog is wonderful i like reading your posts.

    Keep up the great work! You realize, lots of individuals are
    looking around for this info, you can aid them greatly.

  16. Hello friends, nice paragraph and pleasant urging commented at
    this place, I am really enjoying by these.

  17. You made some good points there. I checked on the internet to find out more
    about the issue and found most individuals will go along with your views
    on this web site.

  18. What’s up to all, it’s in fact a pleasant for me to visit this web page, it includes precious Information.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *