आत्मज्ञान का अर्थ क्या है ?
ज़िन्दगी के लिए चाहत अच्छी है , पर मृत्यु से घबराना नहीं हैं।
क्यूंकि मृत्यु तो अटल सत्य है, इस जिव जगत का।
हर वो प्राणी जो जन्मा है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है।
आप ये मत सोचिये की, आपकी ये ज़िन्दगी गर ख़त्म हो गयी ,
तो फिर आपको और दोबारा जन्म नहीं मिलेगी ?
न तो आपका ये पहला जन्म हैं ,
और न ही आखिरी,
आपका आत्मा इस शरीर को धारण करने से पहले,
अंगिनत जन्म ले चूका है, और इसके ख़त्म होने पे,
फिर से जन्म भी लेगा।
तो फिर मृत्यु से भय कैसा ?
हाँ , इसका मतलब ये नहीं की आप ,
सांप के आगे पैर रखदे , की गर मृत्यु होनी है तो होगी,
कदापि नहीं , स्मरण रखिये,
जीवन के लिए चाहत अच्छी हैं , पर मृत्यु से घबरानी नहीं हैं,
एक हिरण तब तक भागती हैं, जब तक कि उसे शेर न पकड़ लें।
कहने का अभिप्राय यह हैं कि, प्रत्येक जीव जीना चाहता हैं,
जो की अच्छी बात हैं, क्यूंकि यह तो अटल सत्य हैं ,
जीवन के लिए चाहत ही तो इस जीव जगत को चलायमान रखता हैं,
परन्तु समझने योग्य बात यह है कि ,
मृत्यु भी अटल सत्य हैं, तो इससे घबरानी नहीं है,
अपितु इसे भी अपनानी है, नज़र से नज़र मिलकर इसका सामना करना हैं।
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