jivan aur mritun kya hai
जन्म और मृत्यु, शरीर की दो अवस्थाएँ है, बीच में जो हम अनुभव करते है, वह हैं जीवन।
चूँकि जीवन इतनी प्यारी होती है कि कोई भी प्राणी इसे खोना नहीं चाहती, या फिर यूँ कहे जीवन के लिए मोह हमें मृत्यु से भयभीत करता हैं, पर सत्य तो यह है कि जो भी प्राणी जन्मा है, उसकी मृत्यु तो होगी ही।
मृत्यु का भय, काल चक्र, पुनर्जन्म, मोक्ष, कई ऐसी बाते है, जिसके विषय में मनुष्य जानता तो नहीं है, पर अपना समस्त जीवन इन्हे जानने में गवां दे सकता हैं। कोई पर्वतो में चला जाता हैं धयान करने के लिए, कोई चर्च में नन या फादर बन जाता है, कोई समस्त जीवन ब्रह्मचारी रहता है।
यद्यपि, प्रयास तो सभी कर रहे है, पर कितनो को सच में उस ज्ञान की प्राप्ति होती हैं ?