kya sangeet haram hai

kya sangeet haram hai

kya sangeet haram hai

लेख के माध्यम से मैं संगीत और इसकी अलौकिक शक्तियों के बारे में जागरुकता लाने का प्रयास कर रहा हूँ, मुझे उम्मीद है इस लेख को पड़ने के बाद आपको संगीत को एक अलग नजरिये से देख पाएंगे।
चलिए शुरू करते हैं, प्राचीन काल से ही मनुष्य का संगीत के प्रति रुचि रहा है,जब हम कृष्ण के बारे में अध्ययन करते हैं तो पाते हैं, कृष्ण अपनी बांसुरी कि धुन से सभी गोपियों,पशु ,पक्षिओ और विभिन्न जीव जन्तुओ को आकर्षित कर लेते थें। सभी उनके बांसुरी की मधुर स्वर से मंत्र मुग्ध हो जाते थें।

गर हम वेदो की बात करे तो चार वेदो में से एक वेद “सामवेद” हैं।
वेद यानी ज्ञान।
हज़ारो वर्षो में अबतक सिर्फ चार ही वेद लिखे गए है, और उनमे से एक हैं सामवेद।
वेद लिखा किसने ? जाहिर सी बात हैं, हमारे दिव्य ऋषि मुनिओ ने। जो ऋषि मुनि अपना जीवन पूजा पाठ में समर्पित कर देते थे, उनको कैसे पता चला संगीत के बारें में ? कैसे पता चला संगीत भी इक दिव्य शक्ति हैं, जिससे हम परमात्मा से जुड़ सकते हैं ? क्यों लिखा उन्होंने सामदेव ?

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