स्वर्ग लोक कहां हैं,
जन्नत कहां है,
नर्क लोक कहां हैं,
या फिर, where is heaven & hell ?
हिन्दू धर्म कहते हैं, “स्वर्ग” आकाश में है और “नर्क” धरती के भीतर है।
स्वर्ग में देवता रहते है, नर्क में राछस।
मुस्लमान भी कुछ ऐसा ही कहता है कि “जन्नत” आकाश में है।
और वो मानते है,जन्नत में अल्लाह रहते है।
ईसाई धर्म कहते है, ईश्वर हेवन (heaven) में रहते है।
पर आज तक कोई बता ही नहीं पाया कि- जन्नत कहां हैं,स्वर्ग लोक कहां हैं,नर्क लोक कहां हैं या फिर where is heaven & hell ?
लोग सोचते है, सिर्फ धरती पे मानव रहते है, और देवता आकाश (स्वर्ग) में मौज़ूद दूसरे ग्रहो में रहते होंगे।
परन्तु सत्य यह है की हमारी पृथ्वी भी तो शून्य (आकाश ) में ही हैं, अनगिनत ग्रह और तारो की तरह।
यदि आप कभी चन्द्रमा में या किसी और ग्रह पे जाओगे, वहाँ से आपको पृथ्वी, आकाश (शून्य) में दिखेगा, और वह जगह जहाँ पे आप होंगें वह हमरी धरती जैसी लगेगी।
बचपन में भूगोल (geography ) में भी तो पढ़ें थे कि हमारे सौर मंडल (solar system) में सभी ग्रह अपने अक्ष में सूर्य के परिक्रमा (revolve ) करता है। साथ ही हमने यह भी पढ़ा कि पृथ्वी अपने अक्ष (axis )में भी 24 घंटों में एक चक्कर लगाता है। जिसकी वजह से जिस दिशा की आकाश आपको दिन में दीखता है, रात को उसके विपरीत दिशा की आकाश दिखाई देती हैं। और फिर अगले दिन सुबह यह दिशा फिर बदल जाती है, और यह क्रमशः बदलता रहता है।
कहने का तात्पर्य यह है कि पृथ्वी के चारो ओर ही आकाश हैं,धरती के जिस दिशा को आप दिन में नर्क समज़ते हैं,रात में जब धरती (पृथ्वी) अपने अक्ष में घूर्णन करके पलट जाती है,तब दिन के नर्क वाली दिशा की ही आकाश आपको दिखाई देता है,पर आप कभी समझ ही नहीं पाते कि जिस दिशा को आप दिन को नर्क समझते है उसी दिशा में जो आकाश है उसे रात्रि को देखते है। ।
ऊपर-नीचे, पूरब-पश्चिम, उत्तर-दछिण, सारे अनुमान पृथ्वी को आधार मानकर लगाए गए हैं।
पर गर ब्रह्माण्ड के सन्दर्भ में पृथ्वी का स्थान (location) या दिशा (direction) खोजने की कोशिस करे तो आप निशब्ध रह जाओगे।
क्यूंकि ब्रह्माण्ड का कोई आदि नहीं न कोई अंत, कहाँ से शुरू कहाँ ख़त्म, कोई नहीं जानता। कौन ऊपर कौन नीचे कोई नहीं जानता।
अंततः मैं यह कहना चाहता हु कि जिस स्वर्ग/जन्नत/heaven के बारे में हमें सभी धर्मो में बताया गया है, वह तो है ही नहीं और न ही वहाँ कोई भगवान,अल्लाह या god रहते हैं। "स्वर्ग" एक गलत बात सिखाया गया जिसके बारें में उनको खुद कुछ भी नहीं पता कि "स्वर्ग लोक कहां है"। तो स्वर्ग की कामना छोड़े और पृथ्वी की, इसके जीवन का मोल समझे,अभिवादन करे।
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